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सरसों, बिनौला खल, अरंडी तेल और देसी घी मार्किट की तेजी-मंदी रिपोर्ट

सरसों, बिनौला खल, अरंडी तेल और देसी घी मार्किट की तेजी-मंदी रिपोर्ट

सरसो

विदेशी बाजारों में गिरावट और मीलों की मांग कमजोर पड़ने से सरसों में गिरावट जारी। जयपुर, भरतपुर सहित अन्य मंडियों में सरसों के भाव 50-100 रुपये तक टूटे। सलोनी ने भी 50 रूपए घटाकर 5725 किया सरसो के भाव में गिरावट के बावजूद आवक में बढोतरी दर्ज की गयी। तेल की मांग कमजोर रही जिससे तेल में 2-3 रुपये किलो की गिरावट आयी। विदेशी बाज़ारों की कमजोरी को देखते हुए सरसो के भाव 150-200 रुपये और टूट सकते हैं। घटे भाव पर किसान की बिकवाली कमजोर पड़ने और मीलों की मांग से गिरावट पर लगाम लगेगी।

सरसों ज्यादा घटबढ़ नहीं

देश की विभिन्न मंडियों में सरसो की आवक 8.5 लाख बोरी के लगभग होने तथा तेल मिलों की मांग घटने से लारेंस रोड पर सरसों के भाव 5100/5150 रुपए प्रति क्विटल पर सुस्त रहे। नजफगढ़ मंडी में लूज में इसके भाव 4600/4700 रुपए प्रति कुंतल बोले गए। जयपुर में 42 प्रतिशत कंडीशन सरसों के भाव 5400 रुपए प्रति कुंटल बोले गए। हाल ही में आई तेजी को देखते हुए और बढ़ने की संभावना कम है

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सरसों खल :

ज्यादा तेजी नहीं सप्लाई घटने एव पशु आहार वालों की मांग से सरसों खल के भाव 50 रुपए बढ़कर 2400/2500 रुपए प्रति क्विटल हो गए। हापुड़ मंडी में इसके भाव 2800/2900 रुपया प्रति कुंतल बोले गए। जयपुर में मांग घटने से इसके भाव 2500 / 2550 रुपए प्रति क्विटल बोले गए। आपूर्ति को देखते हुए और तेजी की गुंजाइश नहीं है। बाजार रुका रह सकता है।

सोयाबीन:

विदेशी बाज़ारों में गिरावट और सोया तेल में गिरावट से प्लांटों की मांग कमजोर पड़ी। विदेशों से सोयाबीन का आयात जारी वहीं डीओसी की निर्यात मांग सुस्त पड़ी। प्लांटों के पास जरुरत भर का तेल और डीओसी का स्टॉक मौजूद जिससे नयी खरीदारी सिमित हो गयी है।एमपी, महाराष्ट्र और राजस्थान के प्लांटों ने भाव 25-75 रुपये तक घटाए। विदेशी बाजारों में भी सोयाबीन की कीमतों में दबाव दिख रहा है। अमेरिका में सोयाबीन की बुवाई, ब्राज़ील में सोयाबीन का अधिक उत्पादन अंतराष्ट्रीय बाजार पर दबाव डाल रहा है। मौजूदा स्तरों से सोयाबीन में 150-180 रुपये निचे सपोर्ट है जहाँ गिरावट पर लगाम लग सकता है।

सोया तेल:

सीबीओटी सोया तेल और केएलसी में गिरावट से सोया तेल के हाजिर भाव में गिरावट जारी। गिरावट को देखते हुए लेवाल भी पीछे हटे पोर्ट पर सोया तेल के भाव 2 रूपए / किलो गिरकर 950 पर हुआ बंद। वहीं मांग कमजोर देखते हुए एमपी, महाराष्ट्र और राजस्थान के प्लांटों ने 2-3 रुपये / किलो की कटौती की। कल भारत सरकार ने TRQ वाले सोया तेल शिपमेंट को 31 जून तक आयात की अवधी दी। ध्यान दें की जिन इम्पोर्टर्स को TRQ के तहत आयात की इजाजत मिली थी और जिनके पास 31 मार्च के पहले का LC है वही आयात कर पाएंगे। सोया तेल भी अपने ट्रेडिंग रेंज के निचले स्तर के करीब है जहाँ गिरावट रुक सकती है। कांडला सोया तेल 900-920 के बीच लेवाली का अच्छा स्तर।

पाम तेल:

मिले जुले फंडामेंटल और फंड की बिकवाली से केएलसी हुआ धराशाही। इंडोनेशियाँ और मलेशिया में पाम तेल उत्पादन बढ़ने के अनुमान से केएलसी पर दबाव। मलेशिया में पाम तेल का उत्पादन 1-10 मई के बीच 30% बढ़ा SPPOMA मलेशिया पाम तेल के आगे के सौदे स्पॉट महीने से काफी निचे। विदेशी बाज़ारों के कमजोर सेंटीमेंट को देखते हुए पोर्ट पर पाम तेल 1 रुपये/किलो गिरकर 930 पर बंद हुआ। पिछले कुछ सप्ताह से हम देख रहे हैं की पाम तेल 900-950 के बीच कारोबार कर रहा है। ऐसे में पाम तेल में अभी भी 2-3 रुपये किलो का रिस्क है जहाँ गिरावट रुक सकती है।
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बिनौला तेल
ठहराव की उम्मीद वनस्पति घी निर्माताओं की मांग निकलने तथा हरियाणा पंजाब की बिकवाली घटने से बिनौला तेल के भाव 9300 रुपए प्रति क्विटल पर टिके रहे। पंजाब की मंडियों में बिकवाली घटने से भाव 3500/3600 रूपए प्रति कुंतल बोले गए। हाल ही में आई गिरावट को देखते हुए इसमें घटने की संभावना कम है। बाजार रुका रह सकता है

देसी घी- निकट में तेजी नही 

हम मानते हैं कि देसी घी की उत्पादन लागत महंगी हो गई है, लेकिन कंपनियों में फैट का स्टॉक बढ़ जाने से अभी निकट में तेजी की गुंजाइश नहीं है। बटर की बिक्री भी 2 दिनों से काफी घट गई है, यहां 410 / 415 रुपए प्रति किलो 82 प्रतिशत फ्लैट्स वाले मक्खन के भाव चल रहे हैं, लेकिन बाजारों में ग्राहकी कमजोर होने से देसी घी में तेजी ठहरकर आएगी

राइसब्रान ऑयल घटने के आसर कम

रिफाइंड व ब्लेंडिंग वालों की मांग कमजोर होने से राइसब्रान ऑयल पंजाब के भाव 150 रुपए घटकर 7850 रूपए प्रति कुंतल रह गए। आयातित तेलों में उठा-पटक का रुख होने एवं सप्लाई को देखते हुए आने वाले दिनों में इसमें घटने की संभावना नहीं है। बाजार सीमित दायरे में घूमता रह सकता है

सीपीओ ज्यादा घटबढ़ नही
इंडोनेशिया में सीपीओ 1025 डॉलर प्रति टन पर मजबूत होने के बावजूद आयातकों की बिकवाली से कांदला मे क्रूड पाम आयल के भाव 50 रुपए घटकर 8550 रुपए प्रति क्विटल रह गए। अंतरराष्ट्रीय बाजार में बिकवाली कमजोर होने से कच्चे तेल के भाव 73.50 डालर प्रति बैरल हो गई। अलनीनो के प्रभाव से विदेशों में पाम तेल का उत्पादन प्रभावित होने की संभावना है। स्टॉक व मांग को देखते हुए इसमें ज्यादा घटबढ़ की उम्मीद कम है। बाजार सीमित दायरे में घूमता रह सकता है

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