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सूखे की चपेट में तिलहन | सरसों में जल्दी ही दिखेंगे 6500 के भाव

सरसों की तेजी मंदी रिपोर्ट :- किसान साथियों पिछले हफ्ते में सरसों का भाव फिर से के ऐसे स्तर के नजदीक पहुंच गया है जहां से यह बार-बार यू टर्न ले रहा है। सलोनी प्लान्ट पर सरसों के भाव फिर से 6400 के पार हो चुके हैं। गौरतलब है कि सलोनी प्लान्ट ने पिछले 6 महीने से भाव को 6400 के ज्यादा उपर नहीं जाने दिया है। लेकिन साथियों मंडी भाव टुडे को उम्मीद है कि आने वाले इस हफ्ते परिस्थिति थोड़ी अलग दिखाई दे सकती है। घरेलू बाजार से लेकर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सेंटिमेंट सुधर रहा है। सरसों की प्रतिद्वंदी फ़सल सोयाबीन का भाव पिछले हफ्ते में 200 रुपये तक बढ़ा है। आज की रिपोर्ट में हम उन सभी तथ्यों का विश्लेषण करेंगे जो यह बता रहे हैं कि इस हफ्ते सरसों के भाव 6000 के पार हो जाएंगे। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करे

ताजा मार्केट अपडेट
बात पिछले हफ्ते के भावों कि करें तो पिछले सोमवार जयपुर सरसों कंडीशन का भाव 5850 पर खुला था। जो कि शनिवार को शाम को (Sarso Price) 50 रुपये तेज होकर 5900 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। इसी तरह से भरतपुर में भी सरसों के भाव 5511 रुपये  से बढ़कर 5535 रुपये प्रति क्विंटल हो गए । दिल्ली लॉरेंस रोड़ पर सरसों के रेट पिछले हफ्ते की तरह 5650 रुपये के स्तर पर स्थिर रहे। हरियाणा की रेवाड़ी मंडी में सरसों के भाव 5580 और च दादरी मंडी में सरसों के भाव 5550 रुपये प्रति क्विंटल के रहे। साथियो गौरतलब है कि भले ही सरसों के भाव में बड़ी तेजी ना दिखी हो लेकिन इस हफ्ते खल के भाव में बड़ा उछाल देखने को मिला है। जयपुर में खल के भाव 2900 के स्तर को पार कर चुके हैं। शनिवार को सरसों की आवक 4 लाख बोरी की हुई। दैनिक आवक की आंकलन के अनुसार अगस्त महीने में 5.5 लाख टन सरसो की आवक दर्ज की गयी । आधिकारिक आंकड़ें अगले 1-2 दिन आने की उम्मीद है।

प्लांटों पर क्या रहे भाव
अंतर्राष्ट्रीय बाजारों की मजबूती को देखते हुए ब्रांडेड तेल मिलों ने सरसों के भाव में ₹50 तक की बढ़ोतरी की है। सलोनी प्लांट ने सरसों के भाव बढ़कर 6400 के स्तर पर पहुंचा दिए। माहौल को देखते हुए पूरी उम्मीद है कि इस हफ्ते सरसों के भाव पिछले 6 महीने के रेजिस्टेंस लेवल 6400 को तोड़कर ऊपर चले जाएंगे। अन्य प्लांटों की बात कर तो गोयल कोटा प्लांट पर सरसों के भाव 5800 के रहे जबकि आगरा में बीपी और शारदा प्लांट पर 6050 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीद की गई

हाजिर मंडियों के ताजा भाव
हाजिर मंडियों के ताजा भाव मंडियों में धीरे धीरे सुधार बनने लगा है। नोहर मंडी में लगातार सरसों के भाव 5400-5500 के आसपास बने हुए हैं। मुख्य मंडियों के भाव को देखें तो चरखी दादरी मंडी में सरसों का भाव 5550 सिवानी मंडी में सरसों का रेट 5500 बरवाला मंडी में सरसों का रेट 5350 हिसार मंडी में सरसों का रेट 5400, गजसिंहपुर 5370, जैतसर 5291 मालपुरा मंडी सरसों नान भाव 5200 रुपये, सरसों 42 लैब भाव 5750-5825 रुपये, संगरिया मंडी में सरसों भाव 4660-5380 रुपये,  विजयनगर मंडी का सरसों रेट 4662-5243 रुपये, केसरीसिंहपुर सरसों भाव 4800 से 5200, जैतसर मंडी सरसों का रेट 5370 आदमपुर मंडी सरसों भाव 5192 और देवली मंडी में 42 लैब सरसों का भाव 5725 रुपये प्रति क्विंटल तक रहा

सोयाबीन की फसल स्थिति
साथियों चूंकि सोयाबीन की फसल सरसों की प्रतिद्वंद्वी फसल है इसलिए इसकी चर्चा करना भी यहां पर बहुत जरूरी है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अगस्त महीने में औसत से काफी कम बारिश होने की वजह से सोयाबीन की हालत नाजुक बनी हुई है। एमपी, महाराष्ट्र के अधिकतर सोयाबीन उत्पादक छेत्रों में फसल पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। फसलों पर झल्ली का प्रकोप, पानी की कमी के चलते पौधों के मुरझाने और फली का आकार छोटा पड़ने की रिपोर्ट मिल रही है सितम्बर महीने में भी बारिश सामान्य से कमजोर ही रहने का अनुमान है। कुछ छेत्रों में छिट पुट बारिश होने का अनुमान है लेकिन उससे फसलों को जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई नहीं हो सकती किसान और व्यापारियों ने औसतन 10-15% उत्पादन घटने का अनुमान जताया है।

सरसों खल में मजबूती
ख़ल की निर्यात और घरेलु मांग मजबूत रहने से इसमें 60-70 रुपये/क्विंटल की बढ़ोतरी के बाद भाव कई महीनों बाद 2900 के स्तर को पार करते दिखे । अन्य खल की तुलना में सरसों खल के भाव कम होने और डीओरबी के निर्यात पर प्रतिबंध से सरसों खल की मांग मजबूत रही। एक्सपोर्ट सौदे की भरपाई के लिए ऊँचे दाम पर भी खल की मांग अच्छी है। जबकि सरसों की क्रशिंग कमजोर पड़ने खल का स्टॉक सिमित है।

सरसों तोड़ सकती है 6000 का स्तर
किसान साथियो जैसा कि हमने उपर बताया कि सरसों इस हफ्ते 6050 के रेजिस्टेंस लेवल को पार कर सकती है । ऐसा कहने के पीछे कई कारण है । एक तरफ तो जहां अल -नीनो के बढ़ते प्रभाव से देश में सूखे की स्थिति बनी हुई है। धान ग्वार और सोयाबीन की फसल सूख रही हैं। दूसरी तरफ विदेशों में भी इसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है। मलेशिया में पाम तेल के भाव 4000 के स्तर को पार करने बाद इसी स्तर को होल्ड भी कर रहे हैं। भारत में अगर अगले 10 दिनों में अच्छी बारिश न हुई तो सोयाबीन उत्पादन में भारी गिरावट आ सकती है। फसलों के नुकसान होते देख किसान और स्टॉकिस्ट अपने स्टॉक की बिकवाली रोक रहे हैं। ऐसी स्थिति में दीवाली तक सरसों का भाव 6500 के पार जाने की पूरी पूरी संभावना है। हमारा मानना है कि एक बार सरसों अगर 6050 के पार निकल गई तो फिर पहले 6300 और फिर 6500 के स्तर दूर नहीं है। व्यापार अपने विवेक से करें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।

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