चावल की कीमतों में अभी और तेजी है बाकी | जाने पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में

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किसान भाइयो इस बार बासमती धान और चावल के भाव निचले स्तर पर आ गए थे, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भारतीय चावल के दाम कम होने के कारण निर्यात अच्छा होने लगा है। पश्चिमी देशों से लगातार नए सौदे हो रहे हैं, जिससे घरेलू निर्यातक सक्रिय होकर माल खरीदने लगे हैं। दूसरी ओर, धान की मिलिंग के लिए स्टॉकिस्टों की खरीद जारी है, जिसके चलते एक महीने में 1718 प्रजाति के सेला चावल के भाव उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब की विभिन्न राइस मिलों में 900 रुपये बढ़कर 6200/6300 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं। इसी रुझान को देखते हुए कीमतों में 300 से 400 रुपये प्रति क्विंटल तक और वृद्धि की संभावना बताई जा रही है। हालांकि पिछले खरीफ सीजन (सितंबर-अक्टूबर) में धान का उत्पादन बहुत अधिक हुआ था, लेकिन उत्तर प्रदेश और उत्तरांचल में साठी धान की बुवाई इस बार केवल 40 प्रतिशत ही रह जाने की खबर है, जिससे गर्मी में आने वाला बारीक चावल बहुत कम मात्रा में उपलब्ध होगा। Whatsapp ग्रुप में जुड़ने के लिए ज्वाइन करे 👉🏻 ज्वाइन करे

किसान भाइयो चावल का निर्यात कम होने के कारण इस सीजन में अब तक चावल सेला के थोक मूल्यों में 23/24 रुपए प्रति किलो की अभूतपूर्व गिरावट दर्ज की गई थी। हालांकि, अब अंतरराष्ट्रीय बाजारों में परिस्थितियाँ सुधरने लगी हैं और उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान तथा मध्य प्रदेश में 1509 सहित सभी धान के स्टॉक तेजी से बिकने लगे हैं। बाजार में धान बेचने वाले कम हो गए हैं, जिससे कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है। वर्तमान भावों पर भी राइस मिलों को 250/260 रुपए प्रति क्विंटल की मिलिंग लागत अधिक लग रही है। घरेलू और निर्यात मांग में वृद्धि के कारण पिछले 20-22 दिनों में 1718 सेला चावल के भाव में 900 रुपए की वृद्धि हुई है और अब यह 6200/6300 रुपए प्रति क्विंटल पर बोला जा रहा है, जबकि इसका स्टीम भाव 6000 रुपए और 1401 चावल स्टीम का भाव 6900/7000 रुपए है। ताज शरबती चावल में भी 500/600 रुपए की तेजी आई है। धान के स्टॉकिस्ट अब बेचने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं, जिसका कारण मिलर्स द्वारा कम कीमत पर माल बेचने की अनिच्छा और गर्मी बढ़ने से घरेलू तथा निर्यात मांग निकलते ही बाजार में तेजी आना है। पिछले सप्ताह जो चावल 1718 सेला नीचे में 5300/5350 रुपए प्रति क्विंटल तक बिक गया था, अब उसके भाव 6200/6300 रुपए से अधिक हो गए हैं। इसी तरह, चावल 1509 सेला के भाव भी पिछले महीने 5150 रुपए के निचले स्तर को छूने के बाद वर्तमान में 5750/5800 रुपए हो गए हैं। हरियाणा और पंजाब की राइस मिलें दोपहर बाद से सभी बारीक चावल के भाव में 100 रुपए प्रति क्विंटल की और वृद्धि कर रही हैं। उत्तर प्रदेश की राइस मिलों से जो 1509 चावल एक महीने में 5200 रुपए पर मिल रहा था, हरियाणा की अधिकतर राइस मिलें अब एक्स-गोदाम 5700/5750 रुपए बोल रही हैं। करनाल, कुरुक्षेत्र और तरावड़ी लाइन में जो धान 2800/2850 रुपए पर बिका था, उसके भाव 3100/3200 रुपए बोले जा रहे हैं, जबकि कैथल, टोहाना, चीका और सफीदों लाइन में भाव 3050/3150 रुपए तक पहुंच गए हैं। Whatsapp ग्रुप में जुड़ने के लिए ज्वाइन करे 👉🏻 ज्वाइन करे

उत्तर प्रदेश के रुद्रपुर, बरेली, बहजोई, काशीपुर और टांडा की राइस मिलों में धान की खरीद में तेजी आई है, जो पहले 2700/2750 रुपये प्रति क्विंटल थी और अब बढ़कर 3060/3100 रुपये प्रति क्विंटल (मिल पहुंच) हो गई है। कुछ व्यापारी अपने स्टॉक के माल पर भी 50/60 रुपये प्रति क्विंटल की और वृद्धि कर रहे हैं। इस कारण से स्टीम चावल के भाव में भी 800/900 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई है, और 1847 एवं 1401 चावल के सेला और स्टीम के भाव भी बढ़ गए हैं। बाजार में चर्चा है कि ईरान में चावल की भारी कमी हो गई है और अन्य देशों से भारतीय चावल की तुलना में 240/300 रुपये प्रति क्विंटल तक महंगा मिल रहा है। पाकिस्तान की स्थिति भी ठीक नहीं होने के कारण वहां से दूसरे देशों को शिपमेंट नहीं हो पा रहा है। पिछले सात महीनों में पाकिस्तान में चावल 86 प्रतिशत तक बिक चुका है, जिससे आयातक देशों के लिए अब सस्ता सेला और स्टीम बासमती चावल मिलना मुश्किल हो गया है। इस स्थिति को देखते हुए बड़े निर्यातक पिछले 20 दिनों से खरीद कर रहे हैं। दूसरी ओर, ईरान में चावल का स्टॉक लगभग पूरी तरह से खाली है। विशेषज्ञों का मानना है कि जून महीने के अंत तक चावल की कीमतों में 300 से 400 रुपये प्रति क्विंटल तक की और तेजी आ सकती है। बाकी व्यापार अपने विवेक से करे

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