किसान भाइयों लंबे समय से बासमती और गैर-बासमती चावल की कीमतों में जो गिरावट देखने को मिल रही थी, अब बाजार उससे उबरने लगा है। निचले स्तरों पर फिर से खरीदारी शुरू होने और निर्यातकों द्वारा खरीद बढ़ाए जाने के कारण, बासमती से लेकर गैर-बासमती चावल के बाजार में अब ऊपर की ओर रुझान दिखने लगा है। और इसका असर धान की कीमतों पर भी देखने को मिल रहा है और कीमतें 50 से 100 रुपये तक तेज हो गई हैं।
बासमती के बाजार में क्या हो रही है हलचल
बासमती चावल के बाजार में लगातार सकारात्मक रुझान बना हुआ है, जहां खरीदारों की सक्रियता और बाजार में तेजी देखी जा रही है। विशेष रूप से 1718 चावल और धान की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 4 अप्रैल को 1718 चावल मुश्किल से ₹5500 में बिक रहा था, जबकि अब इसके भाव ₹6000-₹6100 तक बोले जा रहे हैं। निर्यातकों की मांग बढ़ने लगी है और मंडियों में आवक लगभग समाप्त हो चुकी है, जिसके कारण हर कीमत पर खरीद हो रही है। आज के बाजार की बात करें तो कोटा मंडी में 1509 कंबाइन धान ₹2700 से ₹2900 के भाव पर दर्ज हुआ, वहीं 1718 कंबाइन धान ₹50 की तेजी के साथ ₹3400 से ₹3450 पर रहा, जबकि DP धान ₹2900 से ₹3000 पर स्थिर रहा। 1885 धान में ₹50 की तेजी के साथ ₹3300 और 1847 धान में ₹75 की तेजी के साथ ₹2825 का भाव रहा, और कुल आवक लगभग 6000 बोरी रही। राजस्थान लाइन पर 1718 सेला ₹6050, 1509 सेला ₹5550-₹5600, 1847 सेला ₹5550-₹5600 और सुगंधा सेला ₹5200-₹5250 के भाव पर कारोबार हुआ। बासमती चावल के ताज़ा भाव में 1121 स्टीम ग्रेड A+ ₹8300-₹8400 और 1121 सेला ₹6700-₹6800 पर स्थिर रहे, जबकि 1885 स्टीम ₹7100-₹7200 और 1885 सेला ₹6250-₹6300 पर स्थिरता बनी रही। 1509 चावल में स्टीम ग्रेड A+ ₹6600-₹6700 और सेला ₹5450-₹5550 पर स्थिर रहे। 1718 स्टीम ग्रेड A में ₹200 की तेजी के साथ ₹6800-₹6900 का भाव रहा, जबकि सेला में ₹50 की तेजी के साथ ₹5950-₹6050 का भाव दर्ज हुआ। 1401 स्टीम ग्रेड A+ और ग्रेड A दोनों में ₹150 की तेजी रही, जबकि सेला ₹6100-₹6200 पर स्थिर रहा। अन्य किस्मों जैसे ताज, सुगंधा, सरबती, PR14, RH10 और पूसा PB1 के भाव स्थिर रहे। सोना मसूरी स्टीम में ₹50 की तेजी के साथ ₹3950-₹3975 का भाव रहा। कुल मिलाकर, बासमती चावल बाजार में मजबूत खरीदारी और सीमित आवक के कारण हल्की तेजी का रुख बना हुआ है, जिसके निकट भविष्य में भी स्थिर से मजबूत रहने की संभावना है।
गैर-बासमती चावल की निर्यात कीमतों में हुई वृद्धि
पिछले सप्ताह एशियाई व्यापार में भारत और थाईलैंड के चावल निर्यात की कीमतों में वृद्धि देखी गई, जबकि वियतनाम के चावल की कीमतों में थोड़ी गिरावट आई। व्यापारियों और विश्लेषकों का मानना है कि इस मूल्य वृद्धि का मुख्य कारण मुद्रा विनिमय दरों में होने वाले परिवर्तन हैं। वर्तमान में चावल की कीमतें काफी निचले स्तर पर हैं, और इतनी कम कीमतों के बावजूद कमजोर मांग के कारण तेजी की गति बहुत धीमी बनी हुई है।
30 अप्रैल 2025 को क्या चल रहे हैं भाव
आज की बात करें तो SNTC की रिपोर्ट के अनुसार आज 1121 चावल के भाव स्थिर रहे, जिसमें स्टीम ग्रेड A+ ₹8300/8400, ग्रेड A ₹8100/8200, सेला ₹6700/6800 और गोल्डन ग्रेड A ₹7800/7900 रहा। 1718 चावल में कोई तेजी नहीं रही, स्टीम ग्रेड A+ ₹6950/7050, ग्रेड A ₹6800/6900, गोल्डन सेला ग्रेड A ₹6400/6450 और सेला ₹5950/6050 पर बना रहा। 1401 चावल के भाव भी स्थिर रहे, स्टीम ग्रेड A+ ₹6550/6600, ग्रेड A ₹6500/6550 और सेला ₹6100/6200 रहा। 1509 चावल में भी कोई बदलाव नहीं दिखा, स्टीम ग्रेड A+ ₹6650/6700, ग्रेड A ₹6500/6600, गोल्डन सेला ग्रेड A ₹5900/6000 और सेला ₹5350/5550 पर रहा। 1885 चावल के सभी भाव स्थिर रहे, स्टीम ₹7100/7200, गोल्डन सेला ₹6700/6800 और सेला ₹6250/6300 रहा। पूसा PB1 चावल में भी कोई तेजी नहीं रही, स्टीम ₹6100/6200, गोल्डन सेला ₹5900/6000 और सेला ₹5600 पर रहा।
विदेशी बाजारों से क्या मिल रही है रिपोर्ट
थाईलैंड में 5 प्रतिशत टूटे चावल की कीमत भी बढ़कर 410 डॉलर प्रति टन हो गई है, जो पिछले सप्ताह 405 डॉलर प्रति टन थी। इस मूल्य वृद्धि का मुख्य कारण मुद्रा विनिमय दर में आया बदलाव बताया जा रहा है। एक व्यापारी के अनुसार, इस वर्ष आपूर्ति की स्थिति काफी अच्छी है, लेकिन नए ऑर्डरों की कमी के कारण मांग अभी भी धीमी बनी हुई है। वहीं, वियतनाम में 5 प्रतिशत टूटे चावल की कीमत में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई है, जो पिछले सप्ताह 396 डॉलर प्रति टन थी और अब 395 डॉलर प्रति टन रह गई है। हो ची मिन्ह सिटी के एक व्यापारी ने बताया कि खरीदारों की मांग में कोई खास वृद्धि नहीं हो रही है, जबकि घरेलू आपूर्ति भी कम हो रही है। वियतनाम की सरकार ने आगामी जून महीने तक 2.20 लाख टन चावल खरीदने की योजना बनाई है। दूसरी ओर, विश्व का तीसरा सबसे बड़ा चावल उत्पादक देश बांग्लादेश अपने सरकारी भंडार को मजबूत करने के लिए हाल ही में स्थानीय किसानों से 17 लाख टन चावल खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है। बांग्लादेश वर्तमान में अपने घरेलू बाजारों में चावल की उच्च कीमतों से जूझ रहा है, जिसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है। कुल मिलाकर देखें तो बासमती हो या गैर-बासमती, चावल के बाजार में मंदी के दिन अब समाप्त होते हुए दिखाई दे रहे हैं। बाकी व्यापार अपने विवेक से करें।