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सरकारी फैसले का 1121 और 1718 के पर क्या होगा असर | विस्तार से जाने इस रिपोर्ट में

सरकारी फैसले का 1121 और 1718 के पर क्या होगा असर | विस्तार से जाने इस रिपोर्ट में

किसान साथियों सरकार ने शनिवार को हुई एक मीटिंग के दौरान लिए गए फैसले में बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य या फिर फ्लोर प्राइस (MEP) को घटाने से साफ इनकार कर दिया है। इसका मतलब यह है कि कुछ दिनों पहले बीजेपी सरकार के मंत्री पीयूष गोयल के आश्वासन को सिरे से जानकारी दिया गया है। सरकार MEP को घटाने के पक्ष में नहीं थी यही वजह थी कि मंत्री जी के आश्वासन के बावजूद सरकार ने फ्लोर प्राइस को घटाने का कोई भी नोटिफिकेशन जारी नहीं किया था । आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकार ने 25 अगस्त को बासमती चावल के निर्यात का न्यूनतम निर्यात मूल्य $1200 तय किया था । और इसका 15 अक्टूबर को रिव्यू होना था। 1200 डॉलर के हिसाब से न्यूनतम निर्यात मूल्य लगभग 10000 रुपये प्रति क्विंटल बन रहा है।

ख़बर का होगा बुरा असर
किसान साथियों सरकार के द्वारा न्यूनतम निर्यात मूल्य यानि कि फ्लोर प्राइस तय करने का नुकसान यह है कि बासमती चावल की कम गुणवत्ता की वैरायटी जैसे की 1509, 1692 और 1847 को निर्यात करने में दिक्कत आ सकती है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इस समय नए बासमती 1509 चावल का बेस्ट क्वालिटी का बाजार भाव 7800 से ज्यादा नहीं है ऐसे में इस चावल को ₹10000 प्रति क्विंटल के हिसाब से कैसे निर्यात किया जा सकता है। बात 1509 और 1692 की करें तो इसके भाव तो 1509 से भी कम हैं ऐसे में इतनी ज्यादा भाव पर इनका निर्यात करना मुश्किल काम है। ऐसे में पूरी संभावना है कि बासमती 1509 1692 और 1847 को ग्राहक नहीं मिलेंगे। इसलिए इन वैरायटियों के भाव में गिरावट आ सकती है।

1121 और 1718 पर कितना असर
किसान साथियों देखा जाए तो 1121, 1718, 1401, बासमती 30 और इसके बराबर माने जाने वाली वैरायटियों के भाव में गिरावट आने की संभावना कम है। क्योंकि इन वैरायटियों के भाव पहले से ही 1200 डॉलर के आसपास चल रहा है। मंडी भाव टुडे पर हम यह भी यही मानना है कि अगर 1509 और इसके जैसी अन्य किस्मों का निर्यात नहीं हो पाएगा तो ऐसे में 1121, 1718, 1401 और बासमती 30 जैसी किस्म के निर्यात के बढ़ने की संभावना रहेगी। चूंकि 1121 और 1718 का रकबा इस साल घटा है इसलिए पूरी संभावना है इनका भाव 5000 के उपर चला जाएगा।

ईरान से बुरी खबर
किसान साथियों बासमती की बाजार के लिए ईरान से भी एक बुरी खबर आ रही है। खबर यह है कि अमेरिका और कतर ने ईरान को जारी होने वाला 50000 करोड रुपए का फंड रोक दिया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले महीने अमेरिका और ईरान के बीच एक सौदा हुआ था जिसके तहत ईरान ने अपनी जेल में बंद अमेरिका के नागरिकों को रिहा कर दिया था तथा बदले में अमेरिका ने दूसरे देशों में ईरान की सीज की गई संपत्ति के करीब 50000 करोड रुपए को कतर में जमा करवा दिया था। अब कतर के माध्यम से ही यह राशि ईरान को मिलने वाली थी लेकिन जब से ईरान ने इसराइल और हमास की लड़ाई में हमास का खुला सपोर्ट करना शुरू किया है तब से यह समझौता गड़बड़ा गया है। इसलिए बहुत कम उम्मीद है कि अब यह राशि ईरान को मिल पाएगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अभी तक इस फंड को पूरी तरह से फ्रीज नहीं किया गया है अगर ईरान अपना रवैया सुधार लेता है तो यह राशि जारी कर दी जाएगी। चूंकि ईरान बासमती का एक बड़ा आयातक है और अगर ईरान के पास फंड्स की कमी पड़ी तो भारतीय बासमती के निर्यात में दिक्कत आ सकती है।

किसान साथियो इन दोनों खबरों का बासमती के बाजार पर किस तरह का असर पड़ेगा यह आने वाले एक दो दिनों में पता चल जाएगा। आज की लाइव बोली को मंडी भाव टुडे यूट्यूब चैनल पर दिखाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। व्यापार अपने विवेक से करें।

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