किसान भाइयो गन्ने की खेती किसानों के बीच लगातार लोकप्रिय होती जा रही है, और इसके पीछे कई ठोस वजहें हैं। सबसे पहले तो गन्ना किसानों को समय पर भुगतान मिलता है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत रहती है। इसके अलावा, गन्ने की कीमतों में इज़ाफ़ा और इथेनॉल उत्पादन में इसकी बढ़ती मांग भी किसानों को इसकी खेती के लिए प्रेरित कर रही है। गन्ना ऐसी फसल है जो बारिश, सूखा या किसी भी तरह के मौसम को सहन करने की क्षमता रखती है, इसलिए किसान इसे सुरक्षित विकल्प के रूप में देखते हैं। फिलहाल, बसंतकालीन गन्ने की बुवाई शुरू हो चुकी है। हर साल फरवरी से मार्च के आखिर तक गन्ना उत्पादक राज्यों में किसान बिजाई का काम करते हैं। इस दौरान सही किस्म का चुनाव बहुत जरूरी होता है ताकि पैदावार अच्छी हो और किसान को ज्यादा मुनाफ़ा मिले।
भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान ने किसानों के लिए 7 बेहतरीन गन्ना किस्में सुझाई हैं, जो अधिक उत्पादन देने में सक्षम हैं। अगर किसान इन उन्नत किस्मों को अपनाते हैं, तो उनकी खेती और भी फायदेमंद हो सकती है। कृषि वैज्ञानिकों के साथ-साथ यूपी के चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय आर. भूसरेड्डी ने भी किसानों को 15 फरवरी से गन्ने की बुवाई शुरू करने की सलाह दी थी। अगर किसान चाहते हैं कि उनकी पैदावार बेहतर हो और गन्ने की गुणवत्ता भी शानदार बनी रहे, तो उन्हें उन्नत किस्मों का चुनाव जरूर करना चाहिए। सही किस्म और सही समय पर बुवाई से किसान अपनी आमदनी को दोगुना तक बढ़ा सकते हैं।
1. गन्ने की कोलक 12207 किस्म
अगर आप गन्ने की खेती करते हैं और जल्दी पकने वाली किस्म की तलाश में हैं, तो कोलक 12207 एक शानदार ऑप्शन हो सकता है। यह किस्म खासतौर पर उत्तर-मध्य और उत्तर-पूर्वी भारत के लिए उपयुक्त मानी जाती है, खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे इलाकों में इसकी खेती बढ़िया होती है। अब बात करें पैदावार की, तो यह किस्म औसतन 75.42 टन प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन देने में सक्षम है, जो किसानों के लिए फायदे का सौदा हो सकता है। इसकी सबसे अच्छी बात ये है कि लाल सड़न रोग (Red Rot) के प्रति यह काफी हद तक प्रतिरोधी है, जिससे फसल खराब होने की संभावना कम रहती है। इस किस्म का गन्ना मध्यम मोटा होता है और इसका रंग हल्का पीला-हरा होता है। कुल मिलाकर, अगर आप एक ऐसी गन्ने की किस्म चाहते हैं जो जल्दी तैयार हो, अच्छी पैदावार दे और बीमारियों से भी बचे, तो कोलक 12207 एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
2. गन्ने की कोलक 09204 किस्म
गन्ने की कोलक 09204 किस्म में औसतन 17% सुक्रोज होता है, जिससे यह ज्यादा चीनी देने वाली किस्मों में गिनी जाती है। यह किस्म खासतौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के किसानों के लिए उपयुक्त है, क्योंकि इन क्षेत्रों की जलवायु और मिट्टी इसके अनुकूल है। सही तरीके से खेती करने पर इस किस्म से लगभग 82.8 टन प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन लिया जा सकता है, जो इसे एक बेहतर उपज देने वाली किस्म बनाता है। इस गन्ने में लाल सड़न रोग के खिलाफ मध्यम प्रतिरोध देखने को मिलता है, जिससे इसे उगाने में किसानों को ज्यादा परेशानी नहीं होती। इसका गन्ना मध्यम मोटा और हरे रंग का होता है, जो इसे पहचानने में आसान बनाता है। यदि आप ज्यादा सुक्रोज वाली, बेहतर उत्पादन देने वाली और रोगों से सुरक्षित गन्ने की किस्म उगाना चाहते हैं, तो कोलक 09204 एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।
3. गन्ने की कोलक 11206 किस्म
अगर आप गन्ने की खेती करते हैं या करने की सोच रहे हैं, तो कोलक 11206 किस्म आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के किसान इस किस्म की खेती कर सकते हैं। इसकी सबसे खास बात यह है कि यह औसतन 91.5 टन प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन देती है, जो अच्छी पैदावार मानी जाती है। इस गन्ने में औसत सुक्रोज 17.65% तक होता है, यानी इससे अच्छी गुणवत्ता वाली चीनी बन सकती है। सबसे बढ़िया बात ये है कि यह लाल सड़न रोग के खिलाफ काफी हद तक प्रतिरोधी है, जिससे फसल को नुकसान होने का खतरा कम रहता है। अगर आप बेहतर उत्पादन और अच्छी मिठास वाले गन्ने की तलाश में हैं, तो कोलक 11206 किस्म एक बढ़िया विकल्प हो सकती है।
4. गन्ने की कोलक 9709 किस्म
अगर आप गन्ने की खेती कर रहे हैं और अच्छे चीनी उत्पादन वाली किस्म की तलाश में हैं, तो कोलक 9709 एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। इस किस्म में औसतन 18.04% सुक्रोज पाया जाता है, जिससे यह चीनी मिलों के लिए काफी फायदेमंद साबित होती है। उत्पादकता की बात करें तो यह किस्म प्रति हेक्टेयर लगभग 80 टन तक गन्ने का उत्पादन दे सकती है, जिससे किसानों को अच्छी पैदावार मिलती है। खास बात यह है कि यह लाल सड़न रोग के प्रति काफी हद तक प्रतिरोधी है, जिससे फसल पर बीमारी का असर कम होता है और उत्पादन बेहतर रहता है। अगर आप ज्यादा चीनी उत्पादन और बेहतर पैदावार चाहते हैं, तो कोलक 9709 आपके लिए एक बढ़िया चुनाव हो सकता है
5. गन्ने की कोलक 94184 किस्म
अगर आप पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड या पश्चिम बंगाल के किसान हैं और गन्ने की खेती करना चाहते हैं, तो कोलक 94184 किस्म आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। यह किस्म विशेष रूप से इन इलाकों के लिए अनुकूल मानी जाती है और इसकी औसत उपज लगभग 75.97 टन प्रति हेक्टेयर होती है, जिससे किसानों को बेहतर उत्पादन मिल सकता है। इस गन्ने में सुक्रोज की मात्रा 17.97% होती है, जो इसे चीनी मिलों के लिए लाभकारी बनाती है। इस किस्म की एक खासियत यह भी है कि इसे जल-जमाव वाले क्षेत्रों में आसानी से उगाया जा सकता है, जिससे उन किसानों को भी फायदा होता है जिनके खेतों में पानी रुकने की समस्या होती है। कोलक 94184 किस्म का गन्ना मध्यम मोटा होता है और इसका रंग हल्का पीला-हरा होता है, जिससे इसे काटने और बाजार तक पहुंचाने में कोई परेशानी नहीं होती। अगर आप अच्छी पैदावार और बढ़िया गुणवत्ता वाला गन्ना उगाना चाहते हैं, तो यह किस्म आपके लिए उपयुक्त हो सकती है।
6. गन्ने की कोलक 12209 किस्म
गन्ने की कोलक 12209 किस्म एक मध्यकाल में पकने वाली किस्म है, जिसे पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के किसान आसानी से उगा सकते हैं। इस किस्म की खासियत यह है कि यह औसतन 77.52 टन प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन दे सकती है। अब अगर चीनी उत्पादन की बात करें, तो इसमें औसतन 17.66% सुक्रोज पाया जाता है। मतलब, जितनी ज्यादा सुक्रोज मात्रा होगी, उतनी ही ज्यादा चीनी निकलने की संभावना होगी। सबसे अच्छी बात यह है कि यह किस्म लाल सड़न रोग के खिलाफ काफी हद तक प्रतिरोधी है, जिससे किसानों को ज्यादा परेशानी नहीं झेलनी पड़ती। इस किस्म का गन्ना देखने में मध्यम मोटा और हरा-सफेद रंग का होता है। तो अगर आप इन राज्यों में गन्ने की खेती करना चाहते हैं, तो कोलक 12209 एक शानदार ऑप्शन हो सकता है
7. गन्ने की कोलक 11203 किस्म
अगर आप जल्दी पकने वाली गन्ने की किस्म ढूंढ रहे हैं, तो कोलक 11203 एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। इसे खासतौर पर मध्य-पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान जैसे इलाकों के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस किस्म की सबसे खास बात यह है कि सिर्फ 10 महीने में तैयार हो जाती है, और इसमें औसतन 18.41% सुक्रोज (चीनी की मात्रा) पाई गई है। यानी इससे अच्छी मिठास वाला गन्ना मिलता है, जो मिलों के लिए भी फायदेमंद होता है। उत्पादन की बात करें तो सही तरीके से खेती करने पर किसान प्रति हेक्टेयर लगभग 82 टन गन्ना उगा सकते हैं। साथ ही, यह किस्म लाल सड़न रोग के खिलाफ भी अच्छी प्रतिरोधक क्षमता रखती है, जिससे फसल खराब होने की संभावना कम हो जाती है। अगर आप गन्ने की खेती करना चाहते हैं और जल्दी तैयार होने वाली, बढ़िया पैदावार देने वाली किस्म की तलाश में हैं, तो कोलक 11203 पर जरूर विचार करें