बांग्लादेश में प्याज के निर्यात को लेकर आई नई अपडेट | जाने भारतीय बाजारों पर क्या होगा असर

दोस्तों बांग्लादेश में प्याज का निर्यात भारतीय बाजारों पर सीधा असर डालता है। जब बांग्लादेश बड़ी मात्रा में प्याज आयात करता है, तो भारतीय बाजार में तेजी देखने को मिलती है। असल में, प्याज का बाजार काफी हद तक निर्यात पर ही टिका हुआ है। अगर निर्यात बड़े स्तर पर होता है, तो दाम ऊपर जाते हैं, लेकिन जब निर्यात में गिरावट आती है या आवक ज्यादा हो जाती है, तो बाजार ठंडा पड़ने लगता है। पिछले कुछ दिनों से मध्य प्रदेश की प्रमुख मंडियां इंदौर, रतलाम और शाजापुर में प्याज के दाम बढ़िया लेवल पर बने हुए थे। लेकिन हाल ही में आवक बढ़ने से बाजार में हल्की मंदी का माहौल बन गया है। जब प्याज की सप्लाई ज्यादा हो जाती है, तो स्वाभाविक रूप से कीमतों में नरमी देखने को मिलती है। फिलहाल, बाजार की दिशा काफी हद तक इस बात पर निर्भर करेगी कि निर्यात की स्थिति कैसी रहती है और आगे आवक में क्या बदलाव होते हैं।

कुछ समय पहले जब प्याज के दाम में उछाल आया था, उस वक्त बाजार में आवक थोड़ी ज्यादा बनी हुई थी, लेकिन अचानक आई इस तेजी का असली कारण प्याज की क्वालिटी में आया सुधार था। अब जब दोबारा से मंडियों में प्याज की आवक बढ़ी है, तो बाजार इस दबाव को झेल नहीं पा रहा और धीरे-धीरे कीमतें टूट रही हैं। ऐसा ही नजारा बीते दो दिनों में इंदौर की प्रमुख कृषि उपज मंडी में देखने को मिला। हालांकि, पिछले तीन दिनों में प्याज के निर्यात में ₹1 से ₹3 प्रति किलो तक की तेजी देखने को मिली, जिससे थोक मंडियों को सपोर्ट मिल रहा है। लेकिन मध्य प्रदेश का प्याज फिलहाल निर्यात के लिए नहीं जा रहा, जिस वजह से वहां की मंडियों में सुस्ती बनी हुई है। अब सवाल ये है कि बांग्लादेश को कितना प्याज निर्यात हो रहा है? किस रेट पर भेजा जा रहा है? और वहां के लिए किस साइज का प्याज उपयुक्त माना जा रहा है? आज के इस आर्टिकल में हम इन सभी सवालों के जवाब जानेंगे। पूरी जानकारी के लिए आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें, यह आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।

बांग्लादेश प्याज निर्यात अपडेट

18 फरवरी 2025 को बांग्लादेश को प्याज का निर्यात करने के मामले में अलग-अलग बॉर्डर पर अलग स्थिति देखने को मिली। घोजाडांगा बॉर्डर से कुल 5 गाड़ियों का निर्यात किया गया, जो कि आमतौर पर इस रूट से होने वाले प्याज निर्यात का एक अहम हिस्सा है। अगर सबसे ज्यादा निर्यात की बात करें तो मेहंदीपुर बॉर्डर सबसे आगे रहा, जहां से 9 गाड़ियों में प्याज भेजा गया। यानी कि इस दिन सबसे अधिक प्याज इसी बॉर्डर से बांग्लादेश गया। वहीं, हिली बॉर्डर की स्थिति अलग रही 18 फरवरी को यहां से एक भी गाड़ी का निर्यात नहीं हुआ।

कहां-कहां का होता प्याज का निर्यात

अगर बात करें कि इस समय कहां-कहां से प्याज निर्यात हो रहा है, तो नासिक जिले और नगर जिले के अलावा गुजरात के कुछ प्रमुख इलाकों से भी प्याज बड़ी मात्रा में बाहर भेजा जा रहा है। रोजाना निर्यात जारी है, और अगर कल के आंकड़ों पर नजर डालें, तो कुल 14 गाड़ियां प्याज अंतरराष्ट्रीय बाजार के लिए रवाना हुईं। इनका भाव ₹38 से ₹48 प्रति किलो तक रहा। प्याज के निर्यात में ₹3 प्रति किलो तक की तेजी देखने को मिली, जो घरेलू बाजार के लिए भी एक अच्छा संकेत है। बीते दिनों में भी निर्यात में जबरदस्त उछाल देखने को मिला था, जिसने बाजार को मजबूत सपोर्ट दिया। यह ट्रेंड जारी रहता है तो आने वाले दिनों में भी प्याज के दामों को मजबूती मिलने की उम्मीद की जा सकती है।

किस साइज के प्याज का किया जा रहा है निर्यात

अगर हम 18 फरवरी 2025 की बात करें, तो गोल्ट गोल्डी मीडियम साइज प्याज का निर्यात जोरशोर से हो रहा है, और अच्छी कीमतें मिल रही हैं। यह साफ संकेत देता है कि आने वाले दिनों में प्याज बाजार में मजबूती बनी रह सकती है। हालांकि, आवक बढ़ने के बावजूद मंडियों में कोई बड़ी गिरावट नहीं दिख रही, लेकिन हल्की सुस्ती जरूर देखने को मिल रही है। जो जानकारी आपके साथ साझा की गई है, वह विभिन्न इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। बाजार की चाल को देखते हुए अपने विवेक से ही व्यापार करें। हम किसी भी तरह की खरीद-बिक्री या सौदे की सिफारिश नहीं करते हैं। बाजार में उतार-चढ़ाव संभव है, इसलिए सावधानी से निर्णय लें।

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