यदि आप देश के किसान है और आप यदि खेती बाड़ी से अधिक मुनाफा प्राप्त करना चाहते हैं, यानी कि अपने तिजोरी को नोटों से भरना चाहते है, तो तमाम देश के किसानों को यह आर्टिकल ध्यान पूर्वक अंक पढ़ने की जरूरत है. इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आसानी से आप लोग अपने खेती-बाड़ी को तेजी से बूस्ट कर सकते हैं, जिसके कारण अपने तिजोरी को नोटों से भर सकते हैं और इससे आपका आर्थिक स्थिति काफी ज्यादा मजबूत हो जाएगा।
इसके साथ ही गेहूं कटने के बाद कौन सा दो फसल तुरंत आप लोगों को लगा लेना चाहिए जिससे अधिक मुनाफा हो इसकी चर्चा विस्तार से हम करने वाले हैं। आपको जानकारी के लिए बता दें कि इसके बाद खरीफ की खेती आप लोगों को शुरू कर देना चाहिए, तोयह पोस्ट केवल और केवल देश के किसान के लिए ही लाभदायक होने वाला है, तो सभी किसान से रिक्वेस्ट है कि ध्यान पूर्वक अवश्य पोस्ट को अध्ययन करें।
गेहूं काटने के बाद मूंगफली के लिए ये वैरायटी लगाएं
यदि मूंगफली की खेती करने हेतु इच्छुक हैं तो कौन सा वैरायटी लगाना चाहिए इसकी चर्चा विस्तार पूर्वक करते हैं जो की इसके कारण देरी से बुवाई करने के बाद भी अच्छा, जल्दी फसल होगा तो आपको जानकारी के लिए बता दे कि किसान कृषि अनुसंधान में वैरायटी जेजीएन-3 एवं जेजीएन-23 लगा सकते हैं इसके अलावा बाजार में उपलब्ध अन्य उत्पादन देने वाला वैरायटी भी लगा सकेंगे,
सिर्फ और सिर्फ 75 से 80 दिन में यें किस्मे पककर तैयार हो जाएगा, आप लोग यह लगाना चाहते हैं तो 7 किलो से लेकर 8 किलो तक लगभग प्रति एकड़ के हिसाब से खरीदना चाहिए।
मक्का के यें वैरायटी लगाये
यदि अपने आर्थिक स्थिति को मजबूत करना चाहते हैं तो इसके लिए गर्मी का मक्का भी खेतों में आप लोग लगा सकेंगे रवि सीजन में जो मक्का लगाए थे वह पुनः दोहरा सकते हैं, क्योंकि मक्का हर महीने का फसल है किसी भी मौसम में इसका उत्पादन आसानी से कर सकेंगे, बाजार में उपलब्ध शंकर मक्का सहित अन्य वैरायटी भी खेतों में आप सभी लोगों को लगा सकेंगे, वैज्ञानिक के मुताबिक हर प्रकार के किस्मे किसी भी मौसम में मक्का का लगाया जा सकता है. कम अवधि वाला किस्म का बस ध्यान रखने की सभी किसानों को जरूरत है।
इस प्रकार बेहतरीन फसल उत्पादन होगा
वैज्ञानिक डॉ. सिंह के द्वारा दिए गए बयान के अनुसार मूंगफली या मक्का की फसल तभी लगाया जा सकता है, जब किसान लोग के पास साधन तथा पानी की पर्याप्त व्यवस्था हो जाएगी, क्योंकि गर्मी की फसल होने से सिंचाई ज्यादा लगती है, 4 से 5 सिंचाई बुवाई के उत्पादन करके करीबन देना होता है, जमीन के अनुसार यह कम ज्यादा भी होने की संभावना रहता है, प्राप्त मात्रा में देसी खाद तथा डीएपी का छिड़काव भी करना आवश्यक है, जिसके कारण फसल का उत्पादन काफी ज्यादा बेहतरीन होग।