चावल की कीमतों में कब तक और कितनी तेजी आ सकती है | जाने पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में

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किसान और व्यापारी भाइयो खरीफ सीज़न में धान का उत्पादन बहुत अच्छा हुआ है और पुराना स्टॉक भी काफी बचा था, लेकिन इस बार उत्तर प्रदेश और उत्तरांचल में साठी धान की बुवाई केवल 40-41 प्रतिशत ही रह जाने की खबर है। इससे गर्मी में आने वाले बारीक चावल की उपलब्धता काफी कम हो जाएगी। दूसरी ओर, ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की स्थिति पूरी तरह खराब हो गई है, जिससे वहां से चावल का व्यापार ठप पड़ गया है। ज़्यादातर बंदरगाह और हवाई मार्ग नष्ट हो गए हैं। गौरतलब है कि 31 मार्च तक चावल का निर्यात कम होने से इस सीज़न में अब तक चावल सेला के थोक भाव में 23-24 रुपये प्रति किलो की रिकॉर्ड और अनुचित गिरावट आई थी। अब अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में स्थिति बेहतर होने लगी है और उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश में 1509 सहित सभी धान के स्टॉक तेज़ी से बिक चुके हैं। अब धान और चावल की कमी के कारण बिक्री कम हो रही है। दूसरी ओर, राइस मिलर्स और निर्यातक हर भाव पर धान और चावल की खरीद करने लगे हैं, जिससे बाजार लगातार बढ़ रहा है। व्यापारियों का कहना है कि राइस मिलों और सॉर्टर गोदामों में कामगारों की भारी कमी के कारण बिके हुए माल की लोडिंग घट गई है, लेकिन सौदे काफी हो रहे हैं, जिससे बाजार लगातार तेज़ रहने वाला है। इन भावों पर भी राइस मिलों को 250-300 रुपये का मीलिंग महंगा लग रहा है। Whatsapp ग्रुप में जुड़ने के लिए ज्वाइन करे 👉🏻 ज्वाइन करे

चावल की कीमतों में आई तेजी

घरेलू और निर्यात मांग में बढ़ोतरी के कारण पिछले एक महीने में 1718 सेला चावल का भाव 500 से 600 रुपए बढ़कर 6300-6400 रुपए हो गया है, जबकि इसका स्टीम 6800 रुपए और 1401 चावल स्टीम 7000-7200 रुपए पर बोला जा रहा है। एक पखवाड़े पहले पाकिस्तान से युद्ध की स्थिति के कारण बाजार थोड़ा नरम पड़ा था, लेकिन पिछले दो दिनों से इसमें फिर से उछाल आया है। ताज-शरबती चावल के भाव में भी 400-500 रुपए की तेजी दर्ज की गई है। धान के किसी भी स्टॉकिस्ट द्वारा बिक्री न करने का मुख्य कारण यह है कि मिलर्स अब घाटे में माल बेचने के इच्छुक नहीं हैं, और गर्मी बढ़ने से घरेलू और निर्यात मांग में वृद्धि होते ही बाजार में तेजी आ रही है। इसी तरह, 1509 सेला चावल का भाव भी पिछले महीने 5650 रुपए के निचले स्तर को छूने के बाद वर्तमान में 5700-5900 रुपए हो गया है। हरियाणा और पंजाब की राइस मिलें दोपहर बाद से सभी बारीक चावल के भाव में 100 रुपए प्रति क्विंटल का और इजाफा कर रही हैं। जो 1509 चावल पिछले सप्ताह यूपी की राइस मिलों में 5650 रुपए बिका था, वह अब हरियाणा की अधिकतर राइस मिलों से एक्स-गोदाम 5800-5900 रुपए पर बोला जा रहा है। Whatsapp ग्रुप में जुड़ने के लिए ज्वाइन करे 👉🏻 ज्वाइन करे

आगे चावल के बाजार में क्या रह सकता है

किसान और व्यापारी भाइयो जो धान करनाल, कुरुक्षेत्र और तरावड़ी क्षेत्र में पहले 3000-3050 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था, अब उसके भाव 3300-3400 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं। इसी तरह, कैथल, टोहाना, चीका और सफीदों जैसे क्षेत्रों में भी यह 3350-3380 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रहा है। उत्तर प्रदेश की राइस मिलों, जैसे रुद्रपुर, बरेली, बहजोई, काशीपुर और टांडा में भी धान की खरीद 3000-3050 रुपये से बढ़कर 3260-3300 रुपये प्रति क्विंटल तक हो गई है। कुछ व्यापारी अपने पुराने स्टॉक का माल भी 100-150 रुपये प्रति क्विंटल अधिक दाम पर बेच रहे हैं। बाजार में यह चर्चा है कि ईरान में चावल की भारी कमी हो गई है। भारतीय चावल की तुलना में अन्य देशों से चावल 240-300 रुपये प्रति क्विंटल महंगा मिल रहा है। पाकिस्तान की स्थिति भी ठीक नहीं है, जिसके कारण वहां से दूसरे देशों को शिपमेंट नहीं हो पा रहे हैं। पिछले सात महीनों में चावल की कीमतें 86 प्रतिशत तक गिर चुकी हैं, जिससे आयातक देशों को अब सस्ता सेला और स्टीम चावल (बासमती प्रजाति का) मिलना मुश्किल हो गया है। ईरान के पास भी चावल का स्टॉक लगभग खत्म हो चुका है। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए, चावल की कीमतों में अभी 400 से 500 रुपये प्रति क्विंटल तक की और तेजी आने की संभावना है। यह तेजी अनुमान के अनुसार जून के मध्य या अंत तक देखने को मिल सकती है। बाकि व्यापार अपने विवेक से करे

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