गेहूं के बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार का बड़ा फैसला | सरकार के इस फैसले से कितना होगा असर

गेहूं के बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार का बड़ा फैसला | सरकार के इस फैसले से कितना होगा असर

किसान भाइयो देश में इस बार गेहूं की अच्छी फसल होने के पूरे आसार हैं। वजह साफ है किसानों ने अधिक रकबे में गेहूं की बुआई की है और इस बार मौसम भी पूरी तरह अनुकूल बना हुआ है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2023-24 में देश में रिकॉर्ड 1,132.92 लाख टन गेहूं का उत्पादन हुआ था। अब 2024-25 (जुलाई-जून) के रबी सत्र में गेहूं का रकबा बढ़कर 320 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जबकि पिछले साल यह 315.63 लाख हेक्टेयर था। कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने भी इस बार गेहूं की बंपर फसल का अनुमान जताया है। उनके मुताबिक, फसल की स्थिति अब तक अच्छी बनी हुई है और दिन-रात का तापमान भी सामान्य है, जिससे पैदावार को कोई नुकसान नहीं होगा। इधर, गेहूं के दाम बढ़ने न पाएं, इसके लिए सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार का यह कदम गेहूं की कीमतों को नियंत्रित रखने के मकसद से उठाया गया है ताकि आम जनता को महंगे आटे का बोझ न उठाना पड़े। हालांकि, बाजार में इसका असर कैसा रहेगा, यह आने वाले दिनों में साफ होगा।

केंद्र सरकार गेहूं स्टॉक सीमा में किये बदलाव

मार्च के आखिर से गेहूं की नई फसल की कटाई शुरू होने वाली है, और इससे पहले सरकार ने कीमतों को काबू में रखने के लिए बड़ा फैसला लिया है। अब थोक विक्रेताओं, खुदरा दुकानदारों और प्रोसेसिंग करने वालों के लिए गेहूं स्टॉक करने की सीमा और सख्त कर दी गई है। सरकार का कहना है कि देश में खाद्यान्न का पर्याप्त भंडार है, लेकिन जमाखोरी न हो, इसके लिए यह कदम उठाया गया है। नए नियमों के मुताबिक, 31 मार्च तक थोक व्यापारियों को सिर्फ 250 टन गेहूं स्टोर करने की इजाजत होगी, जबकि पहले यह सीमा 1,000 टन थी। खुदरा विक्रेताओं के लिए भी सीमा घटा दी गई है पहले वे पांच टन गेहूं रख सकते थे, लेकिन अब उन्हें सिर्फ चार टन रखने की अनुमति होगी। सरकार का मकसद साफ है गेहूं की कीमतें न बढ़ने पाएँ और बाजार में सप्लाई बनी रहे।

गेहूं स्टॉक सीमा की जानकारी पंजीकरण करानी होगी पोर्टल पर

सरकार ने गेहूं की कीमतों पर काबू पाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। अब 31 मार्च 2025 तक गेहूं की स्टॉक सीमा में बदलाव किया गया है। खासतौर पर बड़े खुदरा विक्रेताओं (Retail Chains) के लिए नियम सख्त किए गए हैं। नई व्यवस्था के मुताबिक, हर बिक्री केंद्र पर अधिकतम 4 टन गेहूं का स्टॉक रखा जा सकेगा। हालांकि, अगर किसी कंपनी के कई आउटलेट (स्टोर) हैं, तो कुल स्टॉक उनकी दुकानों की संख्या के चार गुना तक सीमित होगा। इसके अलावा, सभी गेहूं स्टॉक रखने वाले व्यापारियों, कंपनियों और विक्रेताओं को “गेहूं स्टॉक सीमा पोर्टल” पर खुद को रजिस्टर करना अनिवार्य होगा। इतना ही नहीं, हर शुक्रवार को उन्हें अपने गेहूं स्टॉक की जानकारी पोर्टल पर अपडेट करनी होगी। सरकार लगातार यह सुनिश्चित कर रही है कि गेहूं की कीमतें काबू में रहें और जमाखोरी न हो।

पोर्टल पर गेहूं स्टॉक सीमा की जानकारी न देने पर होगी सख्त कार्रवाई

सरकार ने साफ कर दिया है कि अगर कोई भी संस्था पोर्टल पर पंजीकृत नहीं पाई गई या स्टॉक सीमा का उल्लंघन करती दिखी, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 6 और 7 के तहत उन पर उचित दंड लगाया जाएगा। सरकार के आदेश के मुताबिक, अगर किसी व्यापारी, थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता, बड़ी रिटेल चेन या प्रसंस्करणकर्ता के पास तय सीमा से ज्यादा स्टॉक है, तो उन्हें अधिसूचना जारी होने के 15 दिनों के भीतर इसे तय सीमा में लाना होगा। जमाखोरी और सट्टेबाजी पर रोक लगाने और समग्र खाद्य सुरक्षा को बनाए रखने के लिए सरकार ने पूरे देश में गेहूं पर स्टॉक लिमिट लागू कर दी है। यह नियम सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में व्यापारियों, थोक और खुदरा विक्रेताओं, बड़ी रिटेल चेन और प्रोसेसिंग यूनिट्स पर लागू होगा। सरकार ने 24 जून 2024 को “निर्दिष्ट खाद्य पदार्थों पर लाइसेंसिंग जरूरतों, स्टॉक सीमाओं और आवाजाही प्रतिबंधों को हटाने (संशोधन) आदेश, 2024” जारी किया था। इसके बाद 9 सितंबर 2024 और 11 दिसंबर 2024 को इसमें संशोधन भी किए गए। यह आदेश पूरे देश में लागू रहेगा, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि जमाखोरी न हो और जरूरी वस्तुओं की उपलब्धता बनी रहे।

सरकार रख रही है गेहूं की स्टॉक लिमिट पर कड़ी नजर

सरकार ने गेहूं की कीमतों पर काबू पाने के लिए स्टॉक लिमिट को और सख्त कर दिया है। अब थोक व्यापारी, खुदरा विक्रेता और प्रसंस्करणकर्ता पहले की तुलना में कम मात्रा में गेहूं का स्टॉक रख सकेंगे। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने साफ किया है कि देश में खाद्यान्न का पर्याप्त भंडार है और सरकार कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए लगातार नजर बनाए हुए है। संशोधित नियमों के तहत, अब थोक व्यापारियों को 1,000 टन की जगह सिर्फ 250 टन गेहूं स्टोर करने की अनुमति होगी। वहीं, खुदरा विक्रेताओं के लिए स्टॉक लिमिट को 5 टन से घटाकर 4 टन कर दिया गया है। यह नियम 31 मार्च तक लागू रहेगा। सरकार का कहना है कि इस कदम से देश में गेहूं की उपलब्धता सुचारू बनी रहेगी और कीमतों में अनावश्यक बढ़ोतरी को रोका जा सकेगा। साथ ही, बाजार में किसी भी तरह की जमाखोरी पर भी सख्ती से नजर रखी जाएगी, ताकि आम जनता को उचित कीमत पर गेहूं मिलता रहे।

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