चावल से बनने वाले इथेनॉल को लेकर सरकार का बड़ा फैसला | जाने पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में

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किसान भाइयो केंद्र सरकार ने इथेनॉल कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2024-25 में 28 लाख टन अतिरिक्त चावल आवंटित करने की स्वीकृति प्रदान की है। इस निर्णय के साथ ही, नवंबर 2024 से शुरू होने वाले इथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2024-25 के लिए चावल का कुल आवंटन 52 लाख टन तक पहुंच गया है। उल्लेखनीय है कि इथेनॉल उत्पादन के लिए चावल की कीमत पूर्ववत 22.50 रुपये प्रति किलोग्राम ही रहेगी। भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा पहले से आवंटित 24 लाख टन चावल डिस्टिलरी को सौंप दिया गया है, लेकिन इथेनॉल उत्पादन करने वाली कंपनियों ने अभी तक इस आवंटित मात्रा में से केवल 10 लाख टन से भी कम चावल उठाया है। Whatsapp ग्रुप में जुड़ने के लिए ज्वाइन करे 👉🏻 ज्वाइन करे

सरकार ने इथेनॉल उत्पादन के लिए चावल को दी मंजूरी

बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के अनुसार, खाद्य मंत्रालय ने पिछले सप्ताह एक ज्ञापन जारी कर यह सूचित किया कि सक्षम प्राधिकारी ने इथेनॉल के उत्पादन के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के चावल के आवंटन को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस आवंटन के तहत, चावल 22.50 रुपये प्रति किलोग्राम की निर्धारित दर पर उपलब्ध होगा, और इसकी कुल मात्रा 52 लाख टन होगी, जिसमें पहले से आवंटित 24 लाख टन और नए 28 लाख टन शामिल हैं। यह आवंटन इथेनॉल सप्लाई ईयर 2024-25 के लिए मान्य होगा, जो 1 नवंबर 2024 से 31 अक्टूबर 2025 तक चलेगा। यह निर्णय इथेनॉल उत्पादन के लिए आवश्यक फीडस्टॉक्स की उपलब्धता और एफसीआई चावल से उत्पादित किए जा सकने वाले उत्पादों पर विचार करने के बाद लिया गया है। Whatsapp ग्रुप में जुड़ने के लिए ज्वाइन करे 👉🏻 ज्वाइन करे

अब 245 करोड़ लीटर इथेनॉल होगा तैयार

उदाहरण के लिए, यदि एक टन भारतीय खाद्य निगम (FCI) के चावल से 470 लीटर इथेनॉल का उत्पादन होता है, तो 52 लाख टन चावल से लगभग 245 करोड़ लीटर इथेनॉल तैयार किया जा सकता है। इस प्रक्रिया को साकार करने के लिए सरकार को अनुमानतः 10,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान करनी होगी। वर्ष 2025-26 के लिए चावल की अनुमानित आर्थिक लागत 41.73 रुपये प्रति किलोग्राम है, जबकि इथेनॉल के लिए निर्धारित मूल्य 22.50 रुपये प्रति किलोग्राम है। इस गणना के अनुसार, सरकार प्रति किलोग्राम 19.23 रुपये की सब्सिडी वहन करेगी। यदि डिस्टिलरियां पूरी 52 लाख टन चावल की खरीद करती हैं, तो वे FCI को 11,700 करोड़ रुपये का भुगतान करेंगी। दूसरी ओर, तेल कंपनियों को इथेनॉल बेचकर लगभग 14,300 करोड़ रुपये की आय होने का अनुमान है। इस बीच, सरकार ने एथेनॉल सप्लाई ईयर (ESY) 2024-25 के लिए, जो 31 अक्टूबर को समाप्त होगा, पेट्रोल में 18 प्रतिशत इथेनॉल मिलाने का लक्ष्य रखा है। इसके बाद, अगले साल यानी ESY 2025-26 में इस लक्ष्य को 20 प्रतिशत तक बढ़ाने की योजना है। हालांकि, नवंबर 2024 से अप्रैल 2025 के बीच इथेनॉल ब्लेंडिंग की दर 18.5 प्रतिशत से अधिक दर्ज की गई है।

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