नमस्कार मेरे प्यारे मित्रों मलकीत सिंह एक सरसों किसान के द्वारा बताया गया है कि सरसों की फसल काट लिया गया है. तथा सरकारी खरीद शुरू होने का प्रतीक्षा भी कर रहे हैं. क्योकि निजी व्यापारी एमएसपी से कम कीमत पर खरीद शुरू कर दिए हैं. बदलते मौसम में उपज में पहले ही कमी आ चुकी है. इनके द्वारा यह बात कहा गया है. जिसके कारण अधिक नुकसान किसान लोग नहीं लेना चाहते हैं.
तथा देश में बारिश तथा ओलावृष्टि के कारण सरसों के फसल का बहुत ही नुकसान हाल ही में हुआ है. साथ ही नुकसान से तिलहन किसान भी चिंतित हैं. और हरियाणा के सभी तिलहन किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद का प्रतीक्षा कर रहे हैं. जिसके कारण वित्तीय कठिनाइयों से बच सके और सरसों एमएसपी 5950 प्रति क्विंटल हरियाणा में है. तथा व्यापारी मैक्सिमम 5600 एक क्विंटल की पेशकश कर रहे हैं जिसके कारण अनिश्चित किसान है.
साथ ही 1000 एकड़ सरसों की खेती इस साल यानी 2025 में हो चुकी है एवं 1200 एकड़ में सरसों का नुकसान जीरो से 25% लगभग रिपोर्ट के अनुसार मिला हुआ है.
नुकसान से बचने हेतु सरकारी खरीद का प्रतीक्षा
आपको जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि मलकीत सिंह, एक सरसों किसान के द्वारा बताया गया है कि उन्होंने अपनी सरसों की फसल काट ली है. अब खरीद होने का प्रतीक्षा में लगे हैं क्योंकि एमएसपी से कम कीमत पर निजी व्यापारिक खरीद रहे हैं. किसान गुरमीत सिंह के द्वारा कहा गया है की कटी हुई फसल का बहुत हिस्सा बारिश में बह चुका है और ओलावृष्टि ने भी कुछ फसल को बर्बाद कर दीं है. एवं नुकसान से बचने हेतु सरकारी खरीद के इंतजार कर रहे हैं.
फसल की कीमत 5,500 रुपये
किसान मनप्रीत सिंह के द्वारा कहा गया है की मौसम बारिश के कारण उपज बहुत ही कम हुआ है. इनके द्वारा कहा गया है कि केवल 5 क्विंटल प्रति एकड़ से थोड़ा अधिक उपज मिला एवं प्रति एकड़ 8 से 9 क्विंटल उपज लगभग मिलता है. जिसके कारण फसल को 5500 से 5600 एक कुंटल के हिसाब से बाजार में सेल कर रहे हैं.
सरकार को पर्याप्त मुआवजा भी अवश्य देना चाहिए
बीकेयू (चढूनी) के प्रवक्ता राकेश बैंस के द्वारा यह बात स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अनाज मंदिरों में सरसों की आवक जल्द शुरू होने वाली है. तथा बड़ी मात्रा में सरसों एमएसपी से कम कीमत पर बिक्री होती है. सरकारी एजेंसी कदम जब तक उठाती है सरकार ने 28 फरवरी को खरीद शुरू करने का वादा किया था. लेकिन 15 मार्च तक इसे टाल भी दिया गया था. जिसके कारण किसान अपनी कटी हुई फसल का प्रतीक्षा कर रहे हैं एवं सरकार को पर्याप्त मुआवजा भी अवश्य देना चाहिए.
कुछ फसल बारिश के कारण भी नुकसान
दोस्तों सभी किसान को जानकारी देना चाहेंगे की मौसम के कारण उत्पादन पर भी भारी असर आ चुका है जो की खुला बाजार में कीमत में कोई भी बदलाव नहीं होने वाला है क्योंकि बाजार में स्टॉक पूरी तरह से उपलब्ध है साथ ही बता दे कि नवंबर, दिसंबर तथा जनवरी में सूखा के साथ अधिक तापमान में फसल पर असर डाला है और कुछ फसल बारिश के कारण भी नुकसान हो चुका है जो किसान के द्वारा मुआवजा की मांग किया जा रहा है.