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आम खाना पड़ सकता है महंगा

आम खाना पड़ सकता है महंगा | जाने क्या है वजह

महंगा पड़ सकता है इस बार आम खाना
दोस्तों गर्मी का सीजन चल रहा है इस सीजन की खासियत यह है कि इसमें आम की एंट्री होती है। इन दिनों बाजार में आम दिखाई भी देने लगे हैं। आम खाना लगभग सभी को पसन्द होता है। लेकिन इस सीज़न की खास बात यह है कि इस बार आम का स्वाद लेना आपको थोड़ा महंगा पड़ सकता है। क्योंकि बेमौसम बारिश के साथ तेज हवाओं के चलने, ओले गिरने और अत्यधिक गर्मी की वजह से फसलें खराब हो रही हैं इन सब कारणों से आम की उपज पर काफी बुरा असर हुआ है। कश्मीर से लेकर उत्तराखंड तक आम की फसल तैयार थी परंतु मौसम के खराब होने के चलते आम की फसल को बेहद नुकसान हुआ है। आम उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में बड़ा नुकसान देखा जा रहा है। शुरुआती तौर पर नुकसान 20% से ज्यादा है। एक अनुमान के अनुसार उत्पादन के हिसाब से दो सबसे बड़े राज्य (उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश) में आम की पैदावार लगभग 50 % तक गिर सकती है।
क्या है आम की आवक
ऐसा अनुमान है उत्तर प्रदेश का आम मई के अंत तक बाजार में पहुंचना शुरू हो जाएगा परंतु आंध्र प्रदेश में आम के बाजार में आवक को देखते हुए विशेषज्ञ यहां के नुकसान का ठीक अनुमान लगा पा रहे हैं। दोनों राज्यों के आम उत्पादक और वितरकों का दावा है कि बेमौसम बारिश होने और ओले गिरने से आम की पैदावार पर असर पड़ा है
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का कहना है जहां पर आम की फसलों में आम की बौरें झड़ी नहीं है वहां कुछ भरपाई संभव है क्योंकि इससे आम का आकार 50 % तक बढ़ सकता है भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की रिपोर्ट के अनुसार के अनुसार इस बार आम की फसल में औसतन नुकसान 20% से अधिक है उत्पादकों का कहना है कई जगह आम के पेड़ पर लगी बौरे पूरी तरह झड़ चुकी है कहीं-कहीं पर पर बोरें बची ही नहीं है। ऐसे में उत्पादन बढ़ने की संभावना नहीं है।
जाने किन राज्यों में है कितना आम उत्पादन
बिहार :- इस बार बिहार में औसत से ज्यादा आम आम उपज होने की उम्मीद है देश का 16% यानी औसतन 15. 50 लाख मैट्रिक टन आम बिहार मे होता है बिहार के मैंगो ग्रोवर फेडरेशन अध्यक्ष कहते हैं आम का उत्पादन इस बार 17 लाख टन तक पहुंच सकता है।
उत्तर प्रदेश :-देश का 23 % आम उत्पादन यूपी में होता है मैंगो ग्रोवर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट कहते हैं 50 लाख मैट्रिक टन का अनुमान था परंतु बेमौसम तबाही के कारण अब 25 लाख मैट्रिक टन का उत्पादन होगा।
आंध्र प्रदेश :- हर साल लगभग 44 लाख मैट्रिक टन आम आंध्र प्रदेश में होता है। विजय नगर स्थित आम सेलर एसोसिएशन के प्रमुख बताते हैं कि आम की फसलें बेमौसम बारिश से चौपट हो गई है।
महाराष्ट्र :- इस साल महाराष्ट्र मे 22 से 25 हजार मैट्रिक टन की ही आम की उपज हो पाई है जबकि पिछले सीजन देवगढ़ में 45 से 50 हजार मैट्रिक टन का आम का बाजार रहा था जोकि पिछली गर्मी से 2022 के मुकाबले इस बार उत्पादन 50 % कम रहा है

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